इंदौर. कोरोनावायरस के संक्रमण को रोकने के लिए जनता कर्फ्यू के बाद मालवा-निमाड़ के भी कई जिलों को 25 मार्च तक के लिए लॉकडाउन कर दिया गया। इंदौर को लेकर भी सोमवार दोपहर आदेश जारी कर दिए गए। इसके साथ ही 25 मार्च तक अन्य राज्यों की सीमाओं को सील कर दिया गया है। वहीं, स्कीम नंबर 144, पिपलिहाना स्थित पासपोर्ट सेवा केंद्र में भीड़ काे देखते हुए इसे 31 मार्च तक बंद रखने के निर्देश जारी कर दिए गए। साथ ही पड़ाेसी राज्याें में फैल रहे संक्रमण काे देखते हुए परिवहन विभाग ने 31 मार्च तक लोक परिवहन को बंद कर दिया है। इस स्थिति में अन्य राज्यों से आने वाले वाहन और यहां से जाने वाले वाहन पूर्ण रूप से प्रतिबंधित कर दिए गए हैं।
आदेश का उल्लंघन करने पर होगी कानूनी कार्रवाई
प्रशासन ने सोमवार दोपहर बैठक के बाद इंदौर काे 25 मार्च तक के लिए पूरी तरह से लॉक डाउन कर दिया, लेकिन कमिश्नर आकाश त्रिपाठी ने कहा कि पूरी संभावना है कि हम इसे बढ़ाकर 31 मार्च तक भी करना पड़ सकता है, हालांकि यह निर्णय समीक्षा के बाद लिया जाएगा। इस दौरान 16 आवश्यक वस्तुओं की सेवाओं को छोड़कर सब कुछ बंद रहेगा। इसमें शराब दुकान, निजी संस्थान, फैक्ट्री, दुकान, बाजार बंद रहेंगे। यह आदेश 144 में जारी हुआ है, इसका उल्लंघन करने पर 188 के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
इंदौर के बाजार 25 तक बंद
इंदौर के सभी व्यापारिक संगठनों ने अपने बाजार बुधवार तक बंद करने का फैसला किया है। यह ऐलान भी कर दिया है कि इसके बाद भी स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो इसे बढ़ाकर 31 मार्च तक कर देंगे। बाजारों के साथ रेस्त्रां एसोसिएशन ने सभी रेस्त्रां, बार, पब और एसोसिएशन ऑफ इंडस्ट्री मप्र ने सभी उद्योगों (जरूरी उत्पादन वाले छोड़कर) को 31 मार्च तक बंद करने की घोषणा की है। बंद के बीच किराना, दवाई, सब्जी, फल, दूध की दुकानें खुली हैं, ताकि लोगों को जरूरी सामान की किल्लत न हो। सभी पेट्रोल पंप भी खुले हुए हैं।
इंदौर की सीमाएं सील
पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान के बाद मप्र में ही कोरोना के पॉजिटिव मरीज मिलने के बाद अब जिले समेत पूरे संभाग की सीमाओं सील करने के साथ ही किसी के भी आने-जाने पर रोक लगा दी गई है। ट्रेन और अंतरप्रांतीय बसें पहले से ही बंद हैं। वहीं, निजी कंपनी, सरकारी दफ्तरों में भी वर्क फ्रॉम होम के आदेश दे दिए हैं। ऐसे में जरूरी सेवा, काम के लिए ही लोग बाहर निकल रहे हैं। कलेक्टर ने बताया कि जो लोग विदेश से आए हैं और जिन्हें कोरोना के लक्षण हैं, उनकी सूचना प्रशासन को देना अनिवार्य है। ऐसा नहीं करने पर 3 महीने की सजा का प्रावधान है।
3 महीने के लिए डॉक्टरों की अस्थाई भर्ती होगी
कोविड-19 (कोरोना) वायरस संक्रमण की आपदा को देखते हुए सरकार ने डॉक्टरों, एएनएम और नर्सों की अस्थाई नियुक्ति के आदेश दिए हैं। यह नियुक्तियां 3 महीने यानी जून तक के लिए होगी। सरकार ने सभी जिलों के कलेक्टरों को बीमारी के नियंत्रण के लिए रैपिड रिस्पॉन्स टीम, आइसोलेशन और आईसीयू में स्टाफ की व्यवस्था के लिए कहा है। सरकार इसके लिए सेवानिवृत्त डॉक्टर, नर्स, वार्ड बॉय और बहुउद्देश्यीय कार्यकर्ताओं को नियुक्त करना चाहती है।
विदेश से आए लोगों की सूचना देना जरूरी, वरना 3 महीने की सजा
कलेक्टर लोकेश कुमार जाटव ने बताया कि जो लोग विदेश से आए हैं और जिन्हें कोरोना के लक्षण हैं, उनके लिए स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन को सूचना देना जरूरी है। ऐसा नहीं करने पर पब्लिक हेल्थ एक्ट के तहत 3 महीने की सजा का प्रावधान है।